Ramnath Vidrohi
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गोरौल थाने का चर्चित संतोष राम हत्याकांड-पुलिस हत्यारे मिली भगत का परिणाम, हत्यारों को मिली क्लीन चिट।
**अनुसूचित जाति अधिनियम की धारा समाप्त। हत्या अज्ञात ने किया।
**शंका के आधार पर नामजद किया था। थाना प्रभारी की जांच संदिग्ध।
**आईओ बदलने की मांग एसपी से की गई। एसपी ने दिए जांच के आदेश !
**आदमपुर गांव के संतोष राम की हत्या का मामला !
गोरौल ,वैशाली (रामनाथ विद्रोही )
गत चार दिसंबर 24 की रात संतोष की हत्या करने के बाद,उसकी लाश को बोरामें बंद कर घोजॉल गंडक प्रोजेक्ट नहर के किनारे जंगल में फेंक दिया गया था। जिसे गोरौल पुलिस ने बरामद कर हाजीपुर सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया था। इस सिलसिले में मृतक की पत्नी रीता देवी ने के बयान पर गोरौल थाना कांड संख्या 489 / 24 दर्ज किया गया था। इसमें अनुसूचित जाति उत्पीड़न अधिनियम की धारा भी लगाई गई थी ! 6 माह बीतने तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया! इस प्राथमिकी में दो नामजद अभियुक्त बनाए गए थे! हत्या का कारण पैसा का लेनदेन का विवाद बताया गया था !इस बीच में मृतक की पत्नी रीता देवी ने लोक शिकायत निवारण प्राधिकार महुआ में एक मामला दर्ज कराते हुए पति के हत्यारे को गिरफ्तार करने की मांग की! लोक शिकायत निवारण में थाना प्रभारी गोरौल ने जो जबाब दिया था उससे खुलासा हुआ की पुलिस ने दोनों हत्यारे सुरेंद्र सिंह और रामबाबू राम को क्लीन चिट दे दिया है। हत्या के आरोप से वंचित कर दिया है और इतना ही नहीं इसमें लगाए गए अनुसूचित जाति अधिनियम की धारा को समाप्तकर दिया है। मामला को अज्ञात कर दिया। मतलब अज्ञात व्यक्ति ने हत्या की है। थाना प्रभारी सह आईओ ने स्पष्ट रूप से लिखा है की शंका के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी यह बात किसने कहा पुलिस नहीं लिख पाई! इस रिपोर्ट को पुलिस के बड़े अधिकारियों ने भी सही करार देते हुए मामले को अज्ञात कर दिया !वरीय पदाधिकारी यह जानने का प्रयास नहीं किया कि थाना परिवार की रपट शंका के आधार पर प्राथमिक दर्ज कराई थी किसने कहा ?रीता देवी या मृतक के पिता भाई ने। मृतक की विधवा रीता देवी ने बताया कि 6 महीने की अवधि में महज 2 दिन थाना प्रभारी आए! पहला दिन लाश बरामद करने , दूसरा दिन प्राथमिकी के लिए आवेदन और बयान लेने !हमने ,हमारे ससुर भैसूर अगल-बगल के लोग ग्रामीणों,घटना के दिन साथ काम करने गए मजदूर
खेत के मालिक ने पुलिस को घटना के बारे में बताया था की पैसा के लेन देन देन के विवाद के कारण सुरेंद्र सिंह और रामबाबू राम ने अपहरण कर ले गया और हत्या कर फेंक दिया ! लेकिन पुलिस ने इन बयानों को केस डायरी में दर्ज नहीं कर एक तरफ जांच किया। अभियुक्तों से मिलकर मेरे केस को खराब कर दिया।
थाना प्रभारी से लेकर एसपी, डीएसपी तक हम दौड़ते रहे किसने नहीं सुना !थाना प्रभारी का रवैया ठीक नहीं रहा !एसपी से तीन वार महुआ डीएसपी से दो बार मिली ,किसी ने भी मदद नहीं की ! एफआईआर में स्पष्ट लिखा है कि सुरेंद्र सिंह से पैसा का लेनदेन का विवाद था इसी कारण मेरे पति की हत्या की गई एसपी डीएसपी ने मेरे बयान और आवेदनों पर कोई कार्रवाई नहीं किया!
रीता देवी पूछती है कि थाना प्रभारी को बताना चाहिए कि किसने कब और कहां, कहा की शंका के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी?
न्यायालय के आदेश की। अपेक्षा।**************************** जब इस मामले का दूसरा आरोपी रामबाबू राम ने न्यायालय में अग्रिम जमानत हेतु फरवरी 25 में आवेदन दिया था तो न्यायालय ने थाना प्रभारी से केस डायरी ,मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट ,पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग की थी! थाना प्रभारी ने संक्षिप्त केस डायरी तो जमा किया लेकिन मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट न्यायालय को नहीं सौंपी !सुनवाई के दिन रामबाबू राम ने न्यायालय से अपना आवेदन वापस ले लिया 6 माह बीते ! लेकिन न्यायालय द्वारा मांगी गयी उक्त कागजात न्यायालय को नहीं भेजी गयी !रीता देवी के वकील ने बताया की मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट ,पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सत्यापित कॉपी लेना चाहते हैं जो केस फाइल में है ही नहीं !उन्होंने बताया की इतने दिन में पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिलना कई शंका को जन्म देता है !यह पुलिस की लापरवाही है !
इस केस का भविष्य में पड़ने वाले प्रभाव के बारे में उन्होंने बताया की इस केस के आईओ सह थाना प्रभारी के ढुलमुल जांच को देखते हुए हमने पूर्व में ही न्यायालय में
प्रोटेस्ट पेटिशन फाइल कर दिया था !हमे न्यायालय पर भरोसा है !एफआईआर में दोनों आरोपियों का नाम दर्ज है !पुलिस जांच अपनी जगह है ,न्यायालय एक एक विंदू को देखेगी !यह चिंता की कोई बात नहीं है !जरुरत पड़ी तो इस मामले को उच्च न्यायालय तक ले जाएंगे !हमे न्याय मिलेगी !
ह्त्या आरोपी से दोस्ती और सम्मानित हुए थानाध्यक्ष रौशन कुमार
!*********************************************थाना प्रभारी संतोष राम ह्त्या काण्ड के आ ईओ भी हैं !
अभी हाल में मधुरापुर उच्च विद्यालय में एक कार्यक्रम में गोरौल थाना काण्ड संख्या :-187/03 धारा 302/201/34,भादवी ,दिनांक 2.10.03, मधुरापुर गांव निवासी स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह ,शिक्षक ह्त्या काण्ड की है उसके प्राथमिकी नामजद आरोपी संख्या एक पप्पू कुमार सिंह पिता वीरचन्द्र सिंह ग्राम मजीरावाद के हाथों अंग वस्त्र और फूल माला से सम्मानित हुए !विदित हो की शिक्षक विश्वनाथ सिंह की ह्त्या गर्दन रेतकर करने के बाद उनकी लाश को राजखंड चौर में पानी में फेंक दिया गया था !सनद रहे की आरोपी के तीन नाम है !
अब इस आरोपी के हाथों थाना प्रभारी क्यों सम्मानित हुए जबकि वहां प्रखंड प्रमुख ,जिला पार्षद रूबी देवी पोझा के मुखिया विकास कुमार ,शिक्षा विभाग के कई लोग मौजूद थे ??यह अंदर की बात है फिर किसी दूसरे एपिसोड में बिस्तृत बताऊंगा !
वैसे लोक सेवकों के सम्मानित होने के लिए कई नियम बने हैं जिसका पालन थाना प्रभारी ने नहीं किया !फिलहाल यह मामला भी डीजीपी के पास पहुँच चुका है !देखना लाजमी होगा की आगे क्या होता है ??